ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
नोएडा
में
साइबर
ठगों
ने
बच्चों
के
प्रोडक्ट
की
ब्रांडिंग
के
लिए
मॉडलिंग
करने
का
झांसा
देकर
एक
महिला
से 32 लाख
रुपए
ठग
लिए।
पीड़िता
को
पहले
सोशल
मीडिया
पर
दिखाए
गए
विज्ञापन
के
जरिए
लुभाया
गया।
उसे
बताया
गया
कि
बच्चों
के
प्रोडक्ट
के
लिए
मॉडलिंग
करने
का
मौका
मिलेगा
और
पैसे
कमाने
के
लिए
कंपनी
में
निवेश
करना
होगा।
पहला झांसा और निवेश
पीड़िता
तबिंडा
इमाम, जो सेक्टर 79 में
रहती
हैं
और
प्राइवेट
कंपनी
में
काम
करती
हैं, सोशल मीडिया पर एक बाल मॉडलिंग एजेंसी का विज्ञापन देखी। इस पर क्लिक करने के बाद उन्हें एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा गया। ग्रुप में उन्हें बताया गया कि मॉडलिंग शुरू करने से पहले उन्हें प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी में निवेश करना होगा और जमा किए गए पैसे पर रिटर्न मिलेगा।
पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और पहला भुगतान
पीड़िता
को
एक
ऑनलाइन
पोर्टल
पर
रजिस्ट्रेशन
कराया
गया।
पोर्टल
में
निवेश
प्रक्रिया
तीन
चरणों
में
बताई
गई
थी।
पहले
चरण
में
पीड़िता
ने 90 हजार
रुपए
जमा
किए
और
धीरे-धीरे उसने कुल 17,17,900 रुपए
पहले
ही
चरण
में
ठगों
को
ट्रांसफर
कर
दिए।
यह
रकम
पोर्टल
पर
बिटकॉइन
निवेश
की
तरह
दिखाई
गई।
झूठे रिटर्न का दावा और अतिरिक्त रकम की मांग
जैसे
ही
पीड़िता
ने
रिटर्न
के
बारे
में
पूछा, ठगों ने उसे बताया कि उसका अकाउंट फ्रीज हो गया है। अकाउंट चालू करने के लिए 100 प्रतिशत
राशि
जमा
करनी
होगी।
इसके
बाद
पीड़िता
ने
लगभग 15 लाख
रुपए
और
ठगों
को
भेज
दिए।
कुल
जमा
राशि
अब 32,17,800 रुपए
हो
गई।
ठगी का खुलासा और ग्रुप से बाहर किया जाना
इसके
बाद
भी
ठगों
ने
तीसरी
बार 12,80,000 रुपए
टैक्स
के
नाम
पर
मांग
किए।
जब
पीड़िता
ने
बताया
कि
उसके
पास
और
पैसे
नहीं
हैं, तो उसे ग्रुप से बाहर कर दिया गया। यह देखकर पीड़िता को शक हुआ और उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने दर्ज किया केस
साइबर
थाने
की
पुलिस
ने
केस
दर्ज
कर
जांच
शुरू
कर
दी
है।
पुलिस
खातों
के
ट्रांजैक्शन
और
पोर्टल
के
रिकार्ड
की
जांच
कर
रही
है
ताकि
ठगों
का
नेटवर्क
उजागर
किया
जा
सके।
सावधानी और जागरूकता की जरूरत
इस
घटना
से
यह
स्पष्ट
होता
है
कि
सोशल
मीडिया
पर
दिखाए
जाने
वाले
आकर्षक
विज्ञापनों
में
फंसना
खतरनाक
हो
सकता
है।
लोग
मॉडलिंग, निवेश
या
अन्य
आसान
कमाई
के
झांसे
में
आए
बिना
पहले
पूरी
जानकारी
और
वैरिफिकेशन
करें।
यह घटना न केवल साइबर अपराध की गंभीरता को दिखाती है, बल्कि लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी भी देती है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर निवेश और पैसे भेजने से पहले हमेशा सत्यापन करना बेहद जरूरी है।
Comments (0)
No comments yet. Be the first to comment!